ज़िन्दगी भी कैसी पहेली है
कभी ख़ुशी है तो कभी गम
कभी आंसू है तो कभी मुस्कराहट
अज़ब है ये जिंदगी का खेल
जिसके हैं कई रंग अनेक
कौन जाने क्या हो जाये
कल जिंदगी के सफ़र में
रुक रही है साँस ढल रहा है सूरज
कल फिर इक नई सुबह होगी
ज़िन्दगी का नया रंग लेकर
यूँ ही चलती रहेगी ज़िन्दगी सुबहो -शाम
बस यही है ज़िन्दगी जीने का नाम
बस यही है ...............
- सालिहा मंसूरी
30.04.2014
कभी ख़ुशी है तो कभी गम
कभी आंसू है तो कभी मुस्कराहट
अज़ब है ये जिंदगी का खेल
जिसके हैं कई रंग अनेक
कौन जाने क्या हो जाये
कल जिंदगी के सफ़र में
रुक रही है साँस ढल रहा है सूरज
कल फिर इक नई सुबह होगी
ज़िन्दगी का नया रंग लेकर
यूँ ही चलती रहेगी ज़िन्दगी सुबहो -शाम
बस यही है ज़िन्दगी जीने का नाम
बस यही है ...............
- सालिहा मंसूरी
30.04.2014
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