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ख़ामोशी
Sunday 2 October 2016
ज़िन्दगी पानी का बुलबुला है ,
ज़िन्दगी पानी का बुलबुला है ,जो कब फूट जाये कुछ कहा नहीं जा सकता
-सालिहा मंसूरी
04 .08 14
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