Friday 3 February 2017

जीने नहीं देती है , हर याद तुम्हारी

जीने नहीं देती है , हर याद तुम्हारी
हँसने नहीं देती है , हर बात तुम्हारी
बस ! हर वक़्त धड़कता रहता है
दिल में नाम तुम्हारा
यही वो पल है , जिसे मैं भुला नहीं पाती ..... 


सालिहा मंसूरी

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