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ख़ामोशी
Saturday 10 June 2017
भीड़ मैं भी तन्हां रहती हूँ आजकल
भीड़ मैं भी तन्हां रहती हूँ आजकल
कितने ही चेहरों के साथ भी खोई रहती हूँ आजकल
कितने ही सवालों के जवाब मैं उलझी रहती हूँ आजकल
लेकिन ख़ामोशी से सब कुछ सह लेती हूँ आजकल
सालिहा मंसूरी –
19 .01.16 06:55
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