Friday 20 July 2018

मिल जाओगे इक दिन मुझे तुम

मिल जाओगे इक दिन मुझे तुम
होगा मेरा फिर सवेरा
राहों से राहें जुदा न हों किसी से
खो जाये बस ये अँधेरा
मिल जाये तेरी नज़रों को 
मंजिल ख़ुशी की
बस ! इतना सा ख्वाब है मेरा 

- सालिहा मंसूरी
17.02.16      09.00 pm

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