Saturday 16 May 2020

आज फिर उसी जगह

आज फिर उसी जगह पर बैठी हूँ
जहाँ बरसों पहले कभी मैंने
तुम्हारा इन्तज़ार किया था
लेकिन आज ! 
आज किसी का इन्तज़ार नहीं
आज तो बस जैसे
ज़िन्दगी से थककर बैठ गई हूँ

- सालिहा मंसूरी
22 .2.16 , ( 02 : 05 ) pm

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