सिये हैं लब मैंने इन्हीं
ज़माने वालों के तानों से
फिर भी है इंतजार किसी का
इन्हीं ज़माने वालों से
- सालिहा मंसूरी
23 . 2. 16 , 02 :14 pm
सिये हैं लब मैंने इन्हीं
ज़माने वालों के तानों से
फिर भी है इंतजार किसी का
इन्हीं ज़माने वालों से
- सालिहा मंसूरी
23 . 2. 16 , 02 :14 pm
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