Thursday 14 May 2020

जीवन

क्षण - भंगुर  है  ये  जीवन
फिर क्यों माया का है बंधन
पल दो पल के रिश्ते नाते फिर
क्यों दर्द भरा है दिल के अंदर

- सालिहा मंसूरी

20 - 2 - 16  , 07 : 20 ( pm )

0 comments:

Post a Comment