अपनी भी इक दुनिया है
इस दुनिया से दूर
जहाँ कुछ उम्मीदें हैं
और कुछ सपने
जो आसमान में उड़ती
पतंगों की तरह
उड़ान भरते हैं .......
- सालिहा मंसूरी
इस दुनिया से दूर
जहाँ कुछ उम्मीदें हैं
और कुछ सपने
जो आसमान में उड़ती
पतंगों की तरह
उड़ान भरते हैं .......
- सालिहा मंसूरी
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