आज कोई अपना सा लगा
अपनी अधूरी दुनिया में
वरना हर तरफ
वीरानगी का आलम था
और ख़ामोशी का अँधेरा
आँखों में बरसात का मौसम
और दिल में तन्हाई का बसेरा
आज कोई अपना सा लगा
अपनी अधूरी दुनिया में ........
- सालिहा मंसूरी
25.07.15
अपनी अधूरी दुनिया में
वरना हर तरफ
वीरानगी का आलम था
और ख़ामोशी का अँधेरा
आँखों में बरसात का मौसम
और दिल में तन्हाई का बसेरा
आज कोई अपना सा लगा
अपनी अधूरी दुनिया में ........
- सालिहा मंसूरी
25.07.15
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