Saturday 24 September 2016

इश्क़ से बड़ी कोई सजा नहीं

इश्क़ से बड़ी कोई सजा नहीं
वक़्त से बड़ा कोई मरहम नहीं
ज़िन्दगी से गहरी कोई सच्चाई नहीं
प्यार से बढ़कर कोई प्यास नहीं
स्वाभिमान से बढ़कर कुछ भी नहीं

सालिहा मंसूरी

28-02-15 3:15 PM

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