वो सुबह कभी तो आएगी
जो साथ तुमको लाएगी
फिर खिजां की सूखी शाख़
पर
हरी डालियाँ लहलहायेंगी
वो सुबह कभी तो आएगी
जो साथ तुमको लाएगी
फिर हर फूल पे भंवरे
गुनगुनाएँगे
और शबनम की बूँद
चुराएंगे
वो सुबह कभी तो आएगी
जो साथ तुमको लाएगी
फिर ये अंधेरों की
खामोशियाँ भी मुस्कुरायेंगी
और हंसकर गले तुमको
लगाएंगी
वो सुबह कभी तो आएगी
जो साथ तुमको लाएगी
04.09.15 10:30
pm
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