वाह....मेरी तमन्ना न थी तेरे बगैर रहने की .... लेकिनमज़बूर को ,मज़बूर की ,मजबूरिया.. मज़बूर कर देती है ..!!!!सादर
Saliha Mansoori
1 comments:
वाह..
..
मेरी तमन्ना
न थी
तेरे बगैर रहने की ....
लेकिन
मज़बूर को ,
मज़बूर की ,
मजबूरिया..
मज़बूर
कर देती है ..!!!!
सादर
Post a Comment