उजड़ी हुयी दुनिया को
प्यार की महफ़िल समझ बैठे
डूबी हुयी कश्ती को
प्यार की मंजिल समझ बैठे
कितने नादां हैं , ये दुनिया के लोग भी
जो टूटे हुए दिल को भी
ज़ख्मों का समन्दर समझ बैठे .......
सालिहा मंसूरी
12.01.16 09:15 pm
प्यार की महफ़िल समझ बैठे
डूबी हुयी कश्ती को
प्यार की मंजिल समझ बैठे
कितने नादां हैं , ये दुनिया के लोग भी
जो टूटे हुए दिल को भी
ज़ख्मों का समन्दर समझ बैठे .......
सालिहा मंसूरी
12.01.16 09:15 pm
0 comments:
Post a Comment