छुपा लो हर गम , हर दर्द , एहसास
अपनी इस भीनी सी मुस्कुराहट में
और सो जाओ मीठी नींद में खोकर
उम्मीदों और हौसलों के समन्दर में
- सालिहा मंसूरी
20 . 2. 16
छुपा लो हर गम , हर दर्द , एहसास
अपनी इस भीनी सी मुस्कुराहट में
और सो जाओ मीठी नींद में खोकर
उम्मीदों और हौसलों के समन्दर में
- सालिहा मंसूरी
20 . 2. 16
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