अक्सर जब रातों को
तुम्हारी यादें मेरी पलकें
भिगोने लगती हैं
तब अचानक दिल से
कुछ उम्मीद भरे शब्दों की
आवाज़ आती है
तू चिंता न कर
सब ठीक हो जायेगा
कि वाक़ई सब कुछ
ठीक हो जायेगा
ये सवाल करते-करते
मैं खुद अपनी ज़िन्दगी के
सवालों में उलझ जाती हूँ.......
- सालिहा मंसूरी
तुम्हारी यादें मेरी पलकें
भिगोने लगती हैं
तब अचानक दिल से
कुछ उम्मीद भरे शब्दों की
आवाज़ आती है
तू चिंता न कर
सब ठीक हो जायेगा
कि वाक़ई सब कुछ
ठीक हो जायेगा
ये सवाल करते-करते
मैं खुद अपनी ज़िन्दगी के
सवालों में उलझ जाती हूँ.......
- सालिहा मंसूरी
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