आज फिर उसी जगह पर बैठी हूँ
जहाँ बरसों पहले कभी मैंने
तुम्हारा इन्तज़ार किया था
लेकिन आज !
आज किसी का इन्तज़ार नहीं
आज तो बस जैसे
ज़िन्दगी से थककर बैठ गई हूँ
- सालिहा मंसूरी
22 .2.16 , ( 02 : 05 ) pm
आज फिर उसी जगह पर बैठी हूँ
जहाँ बरसों पहले कभी मैंने
तुम्हारा इन्तज़ार किया था
लेकिन आज !
आज किसी का इन्तज़ार नहीं
आज तो बस जैसे
ज़िन्दगी से थककर बैठ गई हूँ
- सालिहा मंसूरी
22 .2.16 , ( 02 : 05 ) pm
0 comments:
Post a Comment