Saturday, 16 May 2020

कितनी कोशिशें

कितनी कोशिशें की थी मैंने
फिर  भी  मैं  हार  जाती  हूँ
अँधेरों से भी तो कितना लड़ी
फिर  भी  मैं  टूट  जाती  हूँ
कभी तो आये वो दिन वो रात
जब  मैं  कभी  न  हारूँ
जब  मैं  कभी  न  टूटूँ

- सालिहा मंसूरी
24 . 2. 16 , 02 : 50 AM

1 comments:

Anonymous said...

Awesome

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